Top 60+ Bewafa Shayari in 2024

Bewafa Shayari : आजकल लोग बेहतर की तलाश में अपने प्यार को धोखा दे जाते हैं। वो इंसान जो आपको अपनी दुनिया मानता है, उसकी बेशुमार वफा को हम बेहतर की तलाश के चक्कर में छोड़ देते हैं। और उसकी नज़रों में बेवफा बन जाते हैं। अगर आप भी टूटे हुए दिल के इंसानों में से एक है, और आपको धोखा देने वाले बेवफा इंसान को भुला नहीं पा रहे हैं या उसकी वजह से डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। .”

“बेवफा शायरी के साथ भावनाओं के दायरे में उतरें। इस संग्रह में मार्मिक छंदों के माध्यम से दिल टूटने का पता लगाएं, जहां शब्द प्यार के विश्वासघात की कड़वी यात्रा को दर्शाते हैं।”। ‘बेवफा शायरी’ के दायरे में भावनाओं की भूलभुलैया के माध्यम से एक काव्यात्मक यात्रा पर हमारे साथ जुड़ें।”

तुम बदले तो मजबूरियाँ थी,
हम बदले तो बेवफ़ा हो गए.!

जब तक न लगे एक बेवफाई की ठोकर,
हर किसी को अपने महबूब पे नाज़ होता है.!

क्या जानो तुम बेवफाई की
हद दोस्तों,
वो हमसे इश्क सीखती रही
किसी और के लिए.!

दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत,
शुक्र है की यार ही बेवफा निकला.!

बेवफा लोगों को मुझसे बेहतर और कौन
जान सकता है,
मैं तो वो दीवाना हूँ जिसने किसी
की नफ़रत से भी मोहब्बत की है.!

बहुत ही अजीब लड़की थी वो यार,
पहले मेरी ज़िन्दगी बदली फिर खुद ही
बदल गयी.!

सब कुछ होते हुए भी इस दिल का
दर्द नहीं जाता क्यूंकि किस्मत ने हमें
BEWAFA बना दिया.!

रो पड़ा वो फकीर भी मेरे
हाथों की लकीरें देखकर,
बोला तुझे मौत नही किसी
की याद मारेगी.!

सिर्फ एक ही बात सीखी इन
हुसन वालों से हमने,
हसीन जिसकी जितनी अदा
है वो उतना ही बेवफा है.!

ना जिंदगी मिली न वफ़ा मिली क्यों हर
खुशी हम से खफा मिली झूठी मुस्कान
लिए दर्द छुपाते रहे सच्चे प्यार की हमें क्या
सजा मिली.

कैसे बुरा कह दूं तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है.!

चाहे जितना भी किसी को
अपना बना लो
वो एक दिन आपको गैर
महसूस करा ही देते हैं.

बहुत गिड़गिड़ाए हम तुम्हारे सामने अब
और नहीं तुझे तेरा हमसफर मुबारक और
मुझे मेरा अधूरा इश्क..

आसान नही है मुझे पढ़ लेना लफ्जों की
नही जज्बातों की किताब हूं मैं..!

तूने एक बात तो अच्छे से सिखा दी
किसी को हद से ज्यादा चाहोगे तो टूट
जाओगे.

हम तो खुद को तेरी मोहब्बत में मिटाते रहे
और तुम पीठ पीछे किसी और को गले
लगाते रहे.

खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो,
सहारे कितने भी भरोसेमंद हो, एक दिन साथ
छोड़ ही जाते हैं.!

शौक से तोडो दिल मेरा,
मुझे क्या हैरान करोगे..।
तुम ही इसमें रहते हो
अपना ही घर वीरान करोगें..!

तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल
कर दिया है,
हम नहीं रोते लोग हमें देख
कर रोते हैं..!

फर्क उसे पढ़ता है जिसके pass कोई एक हो
जिसके पास हजारों हो उसे ek के चले जाने से
क्या फर्क पड़ेगा..!

दुनिया बहुत रंगीन है मेरे दोस्त.
हर रोज़ कोई न कोई अपना रंग दिखाता है..

लोग पूछते है हमसे की तुम
कुछ बदल गए हो
बताओ टूटे हुए पत्ते अब रंग
भी न बदलें क्या..

तन्हा ज़िन्दगी है. और जीना मुहाल है,
एक बेवफ़ा के ख़याल से हाल बेहाल है.!

दिन का क्या है दिन तो सबका ही ढलेगा,
धोखा देने वाले धोखा तुझे भी मिलेगा..!

तूने हमें अपना समझा नहीं कभी भी,
बेवफा तुझे याद करना छोड़ा नहीं अभी भी.!

“केसे भुला देते हैं लोग तेरी खुदाई को
या “रब” “मुझसे तो तेरा एक शख्स
भुलाया नहीं जाता.!

मैं तेरे बाद कोई तेरे जैसा ढूँढता हूँ जो
बेवफ़ाई करे और बेवफ़ा न लगे.!

दुनिया वालों का भी अजीब दस्तूर है
बेवफाई मेहबूब से मिलती है और बेवफा
मोहब्बत बन जाती है.!

कैसे बुरा कह दूं तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है।

इस दुनिया में मोहब्बत की
तकदीर बदलती है,
शीशा तो वही रहता है
बस तस्वीर बदलती है।।

बेवफ़ा वक्त था, तुम थे या था
मुक्कदर मेरा, बात इतनी ही
है की अंजाम जुदाई निकला।

उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब था,
अपना भी न बनाया और किसी और का
होने भी न दिया।

गम ही गम है जिंदगी में खुशी
मुझे रास नही, मोहब्बत ऐसी से हुई
जिससे मिलने की कोई आस नही!!

प्यार किया था तो प्यार का
अंजाम कहां मालूम था,
वफा के बदले मिलेगी
बेवफ़ाई कहां मालूम था।

भुला देंगे तुम्हे भी जरा सब्र तो करो,
तुम्हारी तरह बेवफ़ा होने में
थोड़ा वक्त तो लगेगा।

काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूं रुसवा न किया जाता,
यह बेरुखी भी उनकी मंजूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता।

बहुत बहुत रोयेगी जिस दिन मैं याद आऊंगा,
और बोलेगी एक पागल था
जो पागल था सिर्फ मेरे लिए।

तेरे इश्क ने दिया सुकून इतना कि,
तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर कि,
तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।

तेरी चाहत में रुसवा यूं सरे
बाजार हो गए,
हमने ही दिल खोया और हम
ही गुनहगार हो गए।

हमने वक्त से बहुत वफा की लेकिन,
वक्त हमसे बेवफ़ाई कर गया,
कुछ तो हमारे नसीब बुरे थे,
कुछ लोगों का हमसे जी भर गया।

दिल से रोये मगर होठों से मुस्कुरा बैठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे,
वो हमें एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिए जिंदगी लुटा बैठे।

तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफ़ा मैंने तुझको भुलाया नही अभी।

जिसके ख़ुशी के खातिर हमने अपनो से रिश्ता तोड़ दिया !
वो बेवफा अपने नए रिश्तो के खातिर हमसे ही मुँह मोड़

मुझे खामोश देखकर इतना हैरान क्यों होते हो दोस्तों,
कुछ नहीं हुआ है बस भरोसा करके धोखा खाया हैं..!

मेरी आँखों में मोहब्बत की चमक आज भी है,
फिर भी मेरे प्यार पर उसको शक आज भी है,
नाव में बैठ कर धोये थे उसने हाथ कभी,
पानी में उसकी मेहँदी की महक आज भी है..!

मेरी वफ़एँ याद करोगे रो-रो के फरियाद करोगे !!
मुझको तो बर्बाद किया हैं अब और किसे बर्बाद करोगे !!

आखिर ज़िन्दगी ने भी पूछ ही लिया
कहा है वो शख्स जो तुम्हे मुझसे भी
ज्यादा प्यारा था ..!

तेरे होने पर भी खुद को तन्हा समजूं
मैं बेवफा हू की तुझे बेवफा समझं..!

मोहब्बत करने वालो मे भी अक्सर ये सिला देखा हैं !!
जिन्हे अपनी वफ़ा पे नाज़ था उन्हे भी बेवफा देखा हैं !!

कमाल का शख्स था वो..
जिसने जिंदगी तबाह कर दी
राज की बात है दिल उससे
आज भी खफा नही..!

हम तो जल गये उसकी मोहब्बत में मोम की तरह !!
अगर फिर भी वो हमें बेवफा कहे तो उसकी वफ़ा को
सलाम ..!

तमाशा बना के रखा है लोगो ने प्यार का
पहले करीब आते है प्यार जताते है
और फिर बिना कसूर छोड़ कर चले जाते हैं !!

किस किस बेवफा से रु-बरू करायें आपको !!
जब हमारी पहली मोहब्बत ही बेवफा निकली !!

दर्द दे गयी, तड़प दे गयी,
जाते जाते गम जुदाई का दे गयी,
साथ देना तेरे बस में नहीं था तो बेवफा
फिर मुझे क्यों ये रुस्वाई दे गयी….

महबूब की बेवफ़ाई में अक्सर
दिल अपने प्यार से नहीं
अपने आप से रूठ जाता हैं..!!

मेरी वफा के बदले बेवफाई न दिया कर,
मेरी उम्मीद ठुकरा के इन्कार न किया कर,
तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ गँवा बैठे,
जान भी चली जायेगी इम्तिहान न लिया कर।

हमने वक़्त से बहुत वफ़ा की लेकिन,
वक़्त हमसे बेवफाई कर गया,
कुछ तो हमारे नसीब बुरे थे,
कुछ लोगों का हमसे जी भर गया..

अपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थी,
वर्ना हमको था मालूम कि तुम बेवफा हो जाओगे।

ना हूँ मै फरेबी ना मै बेवफा हूँ..!!
मै रुठा नही हूँ तुझसे बस तेरे लहजे से खफा हूँ..!!

तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई,
अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी।

मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा
जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा

मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है,
खुद बेवफ़ा हो के मुझसे वफ़ा मांग रहा है।

किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना,
मोहब्बत में यही लम्हा कुर्बत की निशानी है।

दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत,
शुक्र है कि यार ही बेवफा निकला।

न कोई मज़बूरी है न तो लाचारी है,
बेवफाई उसकी पैदायशी बीमारी है।

हमारी निदं भी अब खफा हो गयी,
जब से मोहब्बत हमारी बेवफा हो गयी!!

तुम्हारी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,

में बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगा !

एक बेवफा को हमने दिल में जगह दी थी,

ख़्वाबों की दुनिया अपनी उससे ही सजा दी थी।

वो बेवफा है तो क्या हुआ उसे बेवफा ही रहने दो,

हमने तो सच्ची मोहब्बत की थी हमे उनकी मोहब्बत का सताया ही रहने दो।

वैसे तो इश्क़ उन्हें भी हो जाता मगर,

दौलत की आंधी चली तो ये मोहब्बत भी इकतरफ़ा हो गयी।

तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है,

मैं नहीं रोती, लोग मुझे देख कर रोते है।

क्यों इस तरह से मुझे अकेला छोड़ दिया

इतनी बुरी तरह मेरा दिल तोड़ दिया।

दिल तोड़ देती हैं यह खूबसूरती की परियां,

इसलिए जरुरी है बना कर रखें इनसे दूरियां।

याद वही आते हैं जो अक्सर दर्द देते हैं,

बनाकर अपना सफर में, अकेला छोड़ देते हैं।

चले जाने दो बेवफा को किसी और की बाहों में,

जो मेरा ना हो सका वो किसी और का क्या होगा।

बेवफा वक़्त था, तुम थे, या मेरा मुकद्दर,

बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला।

एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,

हर एक आंसू समंदर नज़र आता हैं,

कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,

हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं।

प्रेम ने हम पर ये इल्जाम लगाया है,

वफ़ा कर के बेबफा का नाम आया हैं,

राहें अलग नहीं थी हमारी फिर भी,

हम ने अलग अलग मंज़िल को पाया हैं।

कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोये,

तेरी याद जब भी आयी, तुझे भुला भुला के रोये।

अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती,

तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती,

लोग मरने की आरज़ू ना करते,

अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती।

ऐसा कोई टेस्ट नहीं जो आपने ना लिया हो,

इंसान आखिर मोहब्बत में इंसान ना रहा,

है कोई बस्ती, जहां से ना उठा हो ज़नाज़ा दीवाने का,

प्रेमी की कुर्बत से महरूम कोई श्मशान ना रहा।

वो मेरे जज़्बात समझे या ना समझे,

मुझे उनकी हर बात पर विश्वास करना होगा,

हम इस दुनिया को छोड़ देंगे,

लेकिन वे हर रात आंसू बहाएंगे।

उस इंसान के लिए आखिर कब तक रोता रहूँगा,

जो मुझे छोड़ कर किसी और के साथ खुश हैं।

प्यार में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था,

काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।

भरोसा जितना कीमती होता है,

धोखा उतना ही महंगा हो जाता है।

तू बेवफा है, ये मेने अब जान लिया है,

दिल के दर्द को तूने बदनाम किया है।

वो दिन याद आते जब तू कहती मोहब्बत है

अब वो दिन याद आते हैं जब तू बेवफा है।

वो मोहब्बत भी तेरी थी वो नफ़रत भी तेरी थी,

वो अपनाने और ठुकरानी की अदा भी तेरी थी,

मे अपनी वफ़ा का इंसाफ़ किस से माँगता,

वो सहर भी तेरा था वो अदालत भी तेरी थी।

What is Bewafa Shayari बेवफा शायरी क्या है बेवफा शायरी सब्दो का एक तालमेल है जिसमें प्रेमी मित्र और वह सभी आते हैं जिन्होंने आपके साथ धोखा किया है, इसमें बेवफाई करने वालों के खिलाफ ऐसे सब्दो का इस्तेमाल किया जाता है जो बेवफा शायरी पढ़ने वाले के अंदर बेवफाई करने वालों के खिलाफ अलग छवि बना देते हैं, बेवफ़ा सब्द के बारे में यहाँ से जाने.

हम उम्मीद करते हैं आज की इस शानदार पोस्ट में दी गयी सभी शायरीया और उनकी इमेजेज आपको बेहद पसंद आयी होगी। अगर वाकई में आप हमारी इस पोस्ट Bewafa Shayari से खुश है, तो इस पोस्ट से अपनी पसंदीदा शायरियों को अपने लवर और सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करना। धन्यवाद !

ऐसी और शायरी पढ़ने के लिए तुरंत विजिट करें Shayariaan.com

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